स्मरण

हीराको औँठी दिएर फूलको माला

'मै मदनमणि दीक्षित भी वह फूलकी माला लेना चाहता हुँ । मेरे पास पैसे तो नही हैँ, ये हीरे की रिङ देकर मिल सकता है तो माला दिजिए ।’

हीराको औँठी दिएर फूलको माला
१२ असार २०७३ आइतबार
काठमाडौं